MAAHI

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बाबा साहेब अम्बेडकर का सिपाही

अम्बेडकर का सिपाही


 क्यों करते हो भेद-भाव
क्या मानव तन से प्यार नहीं,

   पशु नहीं तुम मानव हो
क्या इस बात का ख्याल नहीं

भीम बनो और तोड़ दो बन्धन
पाखण्डवाद का नाश करो

भूल  गए क्या दिन वो सारे 
क्या कुछ भी तुम्हें याद नहीं

 नीच बनाकर कुचले गये
नारियों का अपमान किया

  एक अकेले भीम ने तुमको
ये शान, शौकत, रुबाब दिया।

अब तो जागो, छोड़ दो बईमानी
 इंसानियत का लाज रखो

जिसके बदौलत मिली है रोटी
उस अम्बेडकर को याद रखो

    कह दो सारे लोग-बाग से
भीम रत्न से बड़ा कोई ताज नहीं

बाबा अम्बेडकर का सिपाही हूँ मैं
     है गर्व कोई संताप नहीं।


'माही

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1 Comments

Swati chourasia

11-Dec-2021 06:38 PM

Wahh bohot hi sundar rachna 👌👌

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